Library hindi novel


उपन्यास: लाइब्रेरी, किताब : लव इन द रेन

लेखक : अंकित आर्य 

प्रकाशक: रेडग्रैब पब्लिकेशन

पृष्ठ संख्या: 196

मूल्य: 200₹

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उपन्यास लाइब्रेरी, एक शुद्ध प्यार और वर्तमान की कहानी है जो लाइब्रेरी में रखी एक किताब “लव इन द रेन” के साथ साथ इसी किताब को बारी बारी से पढ़ने वाले संदीप और मेघना की कहानी है।

कहानी शुरू होती संदीप और कुछ दोस्तों से जो विश्वविद्यालय में पढ़ते है, तभी संदीप को लाइब्रेरी में एक किताब दिखाई देती है जिसका नाम है “ लव इन द रेन” और उसी समय मेघना नाम की लड़की भी इसे पढ़ना चाहती है । दो अनजान इसे बारी बारी से एक एक अध्याय पढ़ने के लिये सहमत होते है और यहीं से दोनों की कहानी शुरू होती है ।दोनों कहानी समांतर आगे बढ़ती है मगर रास्ते अलग होते जाते हैं। कहानी इतनी आत्मीय और वास्तविक मालूम पड़ती है की आप अपने आपको भावनाओं में बहने से ख़ुद को रोक नहीं पायेंगे ।

साथ ही साथ एक कहानी किताब “ लव इन द रेन “ की भी चलती रहती है। लेखनी इतनी आकर्षक और सुलझी हुई है की आप इसे अपनी आँखों के सामने घटित होता महसूस करेंगे। विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले लड़कों लड़कियों की प्रेम कहानी कैसी होती है यह आप अवश्य जान जाएँगे।

१. भाषा धाराप्रवाह एवं सरल है । लेखक अंत तक कहानी से पाठक को बांधे रखने में सफल हुआ है ।

२. भाषा शुद्ध एवं आकर्षक है, जो आजकल के नये आधुनिकतावादी लेखकों में अक्सर ग़ायब रहती है ।यहाँ लेखक इस बात को सही साबित करने में सफल रहे हैं कि शुद्ध भाषा और बिना किसी अश्लीलता के भी प्यार को दर्शाया जा सकता है । यह लेखक भावनात्मक प्यार को अंकित करने में सफल रहे।

३. यह लेखक की पहली कृति है, इसलिए कहीं कहीं भाषाई अपरिपक्वता नज़र आ सकती है , मगर वह कहानी को देखते हुए नज़रअंदाज़ करने लायक़ है ।

४. साहित्यिक दृष्टि से यह एक उत्कृष्ट  रचना है। हर चरित्र अपने आप में पूर्ण है । संदीप जो समझदार है मगर अपने जीवन के नये आयामों में नासमझ है जिसे लेखक बेहतर तरीक़े से दर्शाने में सफल रहे हैं। मेघना एक। व्यवस्थित लड़की है जिसके पिता एक राजनेता है । कुल मिलाकर चरित्र व्यवस्था संपूर्ण है । 

५. उचित उतर चढ़ाव के साथ आपको असम की पहाड़ी और बारिश के साथ हरिद्वार और दिल्ली की यात्रा करवाने में भी सफल रहती है । अब प्यार में इतनी यात्राएँ न की तो प्यार कैसा ।

समीक्षा : 4.5/5

समीक्षक : सुभाष वर्मा